आरामदायक जीवन शरीर को सुख देता है परंतु शारीरिक दोषों को वात पित्त कफ को बिगाड़ कर विकृत कर विषम कर मन और शरीर को रोग ग्रस्त बनाता है। लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स शुगर बीपी थायराइड इसी का उदाहरण है।
थायराइड की केस मैं तेजी से संख्या का इजाफा हो रहा है जिसमें बहुत सारे लक्षणों के साथ रोगी को तकलीफों से जूझना पड़ता है। अब तक के रिसर्च और खोज में हार्मोन सप्लीमेंट ही इलाज बना हुआ है। इसके सेवन के बाद भी शारीरिक लक्षणों में तकलीफों में बहुत ज्यादा कमी नहीं आती है बल्कि थायराइड प्रोफाइल में परिवर्तन नजर आता है।
थायराइड रोग पूर्णता एंडोक्राइन का रोग है जिसका केवल गले पर प्रभाव ही नहीं बल्कि पूरी शरीर पर पड़ता है।
शरीर का वजन कम खाने के बावजूद भी बढ़ता रहता है घबराहट बेचैनी अक्सर बनी रहती है चिड़चिड़ापन बेचैनी अवसाद जैसे मनोविकार भी साथ में बने रहते हैं कम उम्र में इसको होने से इनफर्टिलिटी का भी कारण बनता है। ताकत की दवाई लेने के बाद भी शरीर की थकान कमजोरी मस्कुलर पेन नसों में दर्द का बना रहना होता है यह सारी समस्याएं हाइपो थायराइड में मिलती है।
जाने आयुर्वेद क्या कहता है।
आयुर्वेद में इस रोग को अनुक्त विकार मैं रखा गया है जो शरीर में कफ और बात के विकृत होने का कारण है। जिसमें पित्त का क्षय , कफ दोष का बढ़ना, फैटी टिशूज का प्रभावित होना बॉडी के चैनल में अवरोध होना ब्लॉकेज होना ही इस रोग का मूल कारण है।
यह लोग उन लोगों को भी खासतौर से होता है जो लोग नेचुरल मल मूत्र वेक को समय पर त्याग नहीं करते हैं रिटेन करते हैं और इमोशनली भावनात्मक रूप से काफी परेशान और अपनी बात को सही ढंग से रिप्रेजेंट करने की क्षमता नहीं रखते हैं। अर्थात यूनिक आ सकते हैं बहुत सारी बातों को भावों को दबाकर संचित करके दिल में पेरिकार्डियम में रखने की प्रवृत्ति होती है। इससे ही रिप्रेस्ड इमोशन कहते हैं। रिप्रेस्ड इमोशन की भूमिका थायराइड के रोग में बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।
आयुर्वेदिक इलाज से रिप्रेस्ड इमोशन और थायराइड का इलाज करके शरीर के सभी लक्षणों को मुक्त करने में बेहद कारगर है और मोटापा घबराहट बेचैनी को मुक्त कर शरीर को रीसेप देने में सफलतम इलाज है ।
व्यवहार में ऐसा देखा जाता है की थायराइड की गोली लेने के बाद भी रोगी अलग-अलग लक्षणों के लिए अलग-अलग इलाज लेता है जैसे मोटापा के लिए बहुत सारे जतन और प्रयत्न करता है आहार भी कम लेता है जिसके कारण न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी का भी शिकार हो जाता है।
भार्गव आयुर्वेदा थायराइड का सफल और नेचुरल इलाज देता है जिसको 3 से 6 महीने सेवन करके अपने बहुत सारी तकलीफों से प्राकृतिक तरीके से ठीक करें।
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